मंकीपॉक्स का भारत में पहला मामला दर्ज, क्या है इस वायरस की गंभीरता और भारत की तैयारी

मंकीपॉक्स का भारत में पहला मामला दर्ज, क्या है इस वायरस की गंभीरता और भारत की तैयारी

कोरोना महामारी के बाद अब दुनिया एक नए वायरस से जूझ रही है – मंकीपॉक्स। यह वायरस कई देशों में चिंता का विषय बना हुआ है, और अब इसका पहला मामला भारत में भी दर्ज हो चुका है। भारत सरकार ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अलर्ट पर रहने की सलाह दी है।

विदेश से लौटे व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मंकीपॉक्स का पहला मामला एक ऐसे व्यक्ति में सामने आया है, जो हाल ही में एक संक्रमित देश से भारत लौटा था। जांच में उसके नमूनों में वायरस की पुष्टि होने के बाद उसे आइसोलेशन में रखा गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

भारत की तैयारी

केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स को लेकर एडवायजरी जारी करते हुए कहा है कि संदिग्ध मामलों की जांच और आइसोलेशन की सुविधा सुनिश्चित की जाए। दिल्ली के लोक नायक अस्पताल और बाबा साहब आंबेडकर अस्पताल में मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं। इसके साथ ही एम्स और सफदरजंग अस्पताल में भी आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है।

मंकीपॉक्स के लक्षण और गंभीरता

मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जिसके लक्षण स्मॉलपॉक्स से मिलते-जुलते हैं। इसके मुख्य लक्षणों में बुखार, त्वचा पर दाने, गले में सूजन और सिरदर्द शामिल हैं। संक्रमण के कुछ दिनों बाद शरीर पर फुंसी या छाले जैसे दाने उभरने लगते हैं, जो कई चरणों से गुजरते हैं। मंकीपॉक्स की संक्रमण दर अब तक अधिक नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर हो सकता है।

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?

मंकीपॉक्स एक जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैल सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस आसानी से नहीं फैलता, और केवल करीबी संपर्कों के बीच इसका प्रसार संभव है।

मंकीपॉक्स की खतरनाक प्रकृति

हालिया जानकारी के अनुसार, इस बार मंकीपॉक्स का जो स्ट्रेन फैला है, वह ‘क्लेड 1b’ है, जो कांगो क्षेत्र में पाया जाता है और अन्य प्रकारों की तुलना में अधिक खतरनाक माना जाता है। इस वायरस के कारण मृत्यु दर 3% तक बताई जा रही है, जो चिंता का विषय है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में इसके महामारी बनने की संभावना कम है।

सतर्कता की आवश्यकता

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि डर फैलाने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता बरतना जरूरी है। मंत्रालय स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और सभी राज्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।

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