“भारत-यूएई संबंधों में नई ऊर्जा: अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की ऐतिहासिक भारत यात्रा”

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का भारत दौरा वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में बेहद महत्वपूर्ण है। यह उनका क्राउन प्रिंस के रूप में पहला आधिकारिक दौरा है और इसके दौरान वे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे। दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है, विशेष रूप से ऊर्जा, व्यापार, और संपर्क जैसे क्षेत्रों में।

यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पश्चिम एशिया में तनाव अपने चरम पर है, खासकर ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के कारण। ऐसे में शेख खालिद का यह दौरा सिर्फ दोनों देशों के आपसी संबंधों के लिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत और यूएई के बीच व्यापारिक और निवेश संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में काफी निकटता आई है। दोनों देशों के बीच 2022-23 में व्यापार 84.05 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है, जो इस साझेदारी की गहराई को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्राउन प्रिंस की मुलाकात के दौरान न केवल द्विपक्षीय व्यापार पर चर्चा होगी, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर भी विचार किया जाएगा। भारत यूएई से ऊर्जा आयात करने वाले शीर्ष देशों में शामिल है और दोनों देशों के बीच तेल व्यापार में भारतीय रुपये और यूएई दिरहम का उपयोग इस साझेदारी को और भी मजबूत बना सकता है।

इसके अलावा, क्राउन प्रिंस शेख खालिद महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट जाएंगे और मुंबई में होने वाले एक महत्वपूर्ण व्यापारिक फोरम में भी हिस्सा लेंगे, जो व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की दृष्टि से अहम होगा। यह दौरा दोनों देशों के संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है, जो आने वाले समय में और भी गहरे और स्थायी हो सकते हैं।

मध्य पूर्व के संकट पर भी इस दौरान चर्चा होनी संभावित है, खासकर ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव को लेकर। क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए यूएई की भूमिका अहम हो सकती है, और भारत के साथ मिलकर इस दिशा में प्रयास किए जा सकते हैं।

यह दौरा न केवल राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह संकेत देता है कि भारत और यूएई वैश्विक चुनौतियों के समाधान में मिलकर काम करने की इच्छा रखते हैं, जो दुनिया में शांति और स्थिरता को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।

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